Tuesday, February 7, 2012

भ्रष्टाचार के स्रोत



 1.दोगली सामाजिक नैतिकता-

2. चुनावी खर्च-
        भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है, चुनाव में किया जाने वाला बेहिसाब खर्च.चुनाव,चाहे ग्राम पंचायत का हो या jila पंचायत का या फिर, विधान सभा या लोक सभा का; यह बारह महीने कहीं न कहीं होते रहता है. इन चुनावों  में बेहिसाब पैसा खर्च किया जाता है.जाहिर है, ये पैसा गरीब जनता नहीं दे सकती.tab ये पैसा व्यापारियों  से ugaya  जाता है.
3. संगठित भ्रष्टाचार- राजनैतिक पार्टियाँ अपने खर्च चलाने के लिए कार्पोरेट जगत से चंदा लेती है.बदले में इन पार्टियों के द्वारा उन्हें कई प्रकार से लाभ पहुँचाया जाता है और इस तरह बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शुरुआत होती है.

4. लाल फीताशाही-
       उन देशों में जहाँ भ्रष्टाचार कम होता है वहां, नियम और कानून-कायदे बड़े स्पष्ट होते हैं. इन नियम और कानून-कायदों का मकसद कार्य को जल्दी निपटाना होता है. जाहिर है, ऐसे में हेरा-फेरी के मौके कम होते हैं, आम आदमी को सरकारी सेवाओं के लिए रिश्वत देने की गुंजाईश नहीं होती.मगर, हमारे देश में नियम और कानून-कायदों को इतना गोल-मोल कर परिभाषित किया गया है कि आम आदमी को इन्हें प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने के आलावा कोई चारा ही नहीं बचता.

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